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Anil Chandak

Abstract

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Anil Chandak

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जिन्दगी मेरी है अन्जान सफर

जिन्दगी मेरी है अन्जान सफर

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विषय- अन्जान सफर


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-जिन्दगी मेरी है एक अन्जान सफर


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जिन्दगी मेरी है ,एक अन्जान सफर!

अगले पल क्या होगा,

इस की होती नही ,हमे कुछ खबर !!धृ!!


धोके पडे राह में, यहाँ पग पग पे,

पैदा वो करते है, रूकावट हर मोड पे !

हम सब उसी से रहते है बेखबर !!1 

        ... जिन्दगी मेरी है एक...


कुछ सवाल उठते हैं मेरे खयालो में !

कुछ तरंगे उठते हैं मेरे भी दिल में!

नाकामी मिलती हैं फिर भी,

चलता ही रहता हूँ,हर डगर!!2


      ..जिन्दगी मेरी है एक..






कभी होती यहाँ,सुखो की बुंदाबुंदी!

कभी दु:खो में,नैय्या है भटकती!

मुश्किलो में हमको काम आता है सबूर !!3


      .....जिन्दगी मेरी है एक...





कभी बिछे हुए ,जाल में फँसते गये !

फिर भी ढूंढते ढूंढते रास्ते,

सँवरते गये !

कश्ती चलाई हम ने दिनरात एक कर!!4


       ..जिन्दगी मेरी है एक..




दिल के खालीपन का अहसास है मुझ को !

जह़न में कोई चुभन का दर्द है मुझको!

कभी खुश कभी गम में साये,

आते है,मुझ को नजर!!5


       ...जिन्दगी मेरी है एक..





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