भुले बिसरे दिन
भुले बिसरे दिन
जब देखता हूँ,
मेरे पुराने दिनों की तस्वीरें,
लगता है,कितना हैंडसम,
दिखता मैं उस वक्त।
ना कोई टेन्शन था,
ना कोई जिम्मेदारी थी!
मस्त मनमौजी जीव था,
स्कूल,खेलकूद,
दोस्तों के साथ,घूमना फिरना,
वो सुबह की तैराकी,
और शाम का बॉलीवाल खेलना,
कितनी कितनी तस्वीरें,
निकाली थी मैंने,
अलग अलग इव्हेंट पर।
आज जब उन,
तस्वीरों को देखता हूँ तो,
हँसी आती है,
कैसा उल्लु जैसा बर्ताव,
किया था मैंने,
कभी कुछ हँसी मजाक,
की तस्वीरें देखते ही,
वो जोक याद आता है,
फिर एक बार मैं,
उस काल में जाता हूँ।
कितने घने काले बाल थे,
मेरे सरपर,
वो अभिताभ कट,
और राजेश खन्ना की स्टाईल,
गुरू कुरता और बेल बाटम पैंट।
कभी उस फोटो में,
दिखनेवाला दोस्त,
इस दुनिया से चला गया हो तो,
आँसु छलक आते हैं !
वो फोटो देख के मुझे,
पता चलता है,
कितने सारे लोगों की,
वजह से खुशियां थी,मेरी जिन्दगी में।
मेरे माता पिता,दादाजी,दादीजी,
ताऊजी,बडी माँ,नाना नानी,
बुआ,फूफाजी,
मेरे कुछ चाचा चाची,
आज कोई भी नहीं है,
पता चलता है मुझे,
इस जिन्दगी में आगे बढ़कर,
कितने मुझे छोड़कर चले गये हैं,
जैसे वो समय थम गया है।
डिग्री लेकर जब मैंने,
अपनी कैप हवा में लहरायी थी!
और दोस्तों ने मुझे,
अपने कंधे पे उठाकर,
मेरी कामयाबी पर,
जश्न मनाया था।
शादी के फोटो,देखकर,
मैं हँस पड़ता हूँ
वो कितने हसीन दिन थे,
वो ऊटी, कोडाईकोनाल के फोटो,
बाँहो में डाल के,
दुनिया को भूलकर,
इस दुनिया को भूलकर,
अलग दुनिया में गये थे..
ना कोई शर्म थी,
और ना कोई पछतावा था।
मेरे लड़के के पहले,
जन्मदिन का फोटो तो,
मेरे लिये आज भी खास है!
पिताजी और माताजी,
गुजरने के बाद,
वही उन की फोटो मैंने,
फ्रेम में सजायी थी।
हमारा एस एस सी,
बैच का गेटटुगेदर के फोटो,
मैं कभी भूल नहीं पाता हूँ,
कितने अलग दिखते थे हम।
अरे देख ये कैसे मोटा
दिखता है,
अरे वो देख स्कूल की,
क्विन अब कैसी,
दिखती है !
उस को देखकर तो,
ऐसा लगा कि
जिस को पटाने के हम
सपने देखते थे,
वो हमारी,कितनी बड़ी भूल थी,
हमें उस का ज्ञान हो गया,
कोई भी चीज,
हमेशा एक जैसी नहीं रहती है।
वो भूले बिसरे मेरे जीवन के सुनहरे दिनों की याद,
आते ही,
मुझे वो गीत याद,
आता है..
" याद न जाये, बीत दिनों की"