ये बारिश की बूंदें
ये बारिश की बूंदें
ये बारिश की बूंदें
सहसा कुछ याद
दिलाती हैं
तुमसे जो हुई थी वो
पहली मुलाकात
हम तुम जो हुए थे
पहली बार एक साथ
ये बारिश की बूंदें
आज फिर ले चली हैं
उन्हीं गलियों में जहाँ
मेरी नज़रों ने कुछ
तुम्हारी नज़रों से
शर्मा के कहा था
ये बारिश की बूंदें
अहसास दिलाती हैं
तुम्हारी पहली छुअन का
हाथों की नरमी और
दिल के झरोखों से झाँकती
हर उस बात का
ये बारिश की बूंदें
आज भी भिगा देती हैं
तुम्हारे अहसास के तले
वो जज़्बात अपनापन
जो आज भी मेरे मन को
तेरी यादों से भिगोता है