Bhawana Raizada

Romance

2  

Bhawana Raizada

Romance

ये बारिश की बूंदें

ये बारिश की बूंदें

1 min
385


ये बारिश की बूंदें

सहसा कुछ याद

दिलाती हैं


तुमसे जो हुई थी वो

पहली मुलाकात

हम तुम जो हुए थे

पहली बार एक साथ


ये बारिश की बूंदें

आज फिर ले चली हैं


उन्हीं गलियों में जहाँ

मेरी नज़रों ने कुछ

तुम्हारी नज़रों से

शर्मा के कहा था


ये बारिश की बूंदें

अहसास दिलाती हैं


तुम्हारी पहली छुअन का

हाथों की नरमी और

दिल के झरोखों से झाँकती

हर उस बात का


ये बारिश की बूंदें

आज भी भिगा देती हैं


तुम्हारे अहसास के तले

वो जज़्बात अपनापन

जो आज भी मेरे मन को

तेरी यादों से भिगोता है



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance