यादों की ताबीर
यादों की ताबीर
तीनों बहन के बीच में माँ
प्यारी वो तस्वीर है।
जब-जब देखूँ बचपन देखूँ,
यादों की ताबीर है।
घने-घने काले घुँघराले
लंबे बाल है लहराते
माँ की मोहक मुस्कान के संग
लगते ज्योँ वे इठलाते।
बहनों के संग माँ की सूरत
भूले नहीं भुलाती है।
प्यारी वो तस्वीर जब तब याद
बहुत ही आती है।
