यादें पुरानी......
यादें पुरानी......
वो बचपन के दिन, वो बारिश के पानी
वो गुजरे हूए दिन, वो पुराने कहानी
वो शावन की महीने, वो यादें है पुरानी
वो वापस तो ना आनी, वो था कुछ नादानी
वो बात बड़ी पुरानी, वो है अजब कहानी
वो बचपन के दिन, वो बारिश का पानी......
हात मे छात्री तो था और मन मे खुशियाँ
भीग ने की इच्छा था और कुछ था आशाएं
कुछ तो पुरे हुए और कुछ नहीं हुए
आँखों मे आँशु लिए और कुछ पल जिएं
ये जीबन की कहानी, ये तो बहता पानी
वो बचपन के दिन, वो बारिश का पानी..........
भीगे हुए जमीन और मिट्टी के खुसबू
कुछ और कहेता और बहुत था खूब
कुछ हम करते और खेलते थे सब
भीगते हे कपडे और डरते थे सब
वो कुछ यादें पुरानी, है तो बड़ी सुहानी
ये बचपन के दिन, वो बारिश का पानी......
अब ऐसा लगता क्या वो हसीन पल था
थोड़ा डर भी तो था, भीगने का मजा भी था
और सजा मिलता, क्या सुकून मिलता था
आँखों मे आँशु भी था और ओठों पे हसीं था
वो गुजरे हुए दिन, एक और कहानी
वो बचपन के दिन, वो बारिश का पानी....