याद तुम्हारी
याद तुम्हारी
याद तुम्हारी जब जब आई, एक निराला पैगाम मिला है।
तुम्हारी सूरत के ख्यालों में ही, दिल को इतना सुकून मिला है।।
खोया रहता था, सपनो में, किसी के चाहत को लिए।
तुमने जब मुझे अपनाया, मन को तब कहीं विश्राम मिला है।।
डर है कहीं तुम रूठ ना जाओ, मगर तुम पर पूरा यकीन है।
मत छोड़ना कभी मेरा दामन, तुम्हारे जरिए मुझे विश्वास मिला है।।
तुम ही मेरे हमसफर बने, और मेरे हमदर्द कहलाए।
तुमको पाकर ही यह जाना, मुझको मेरा ही यार मिला है।।