Nirandeykumar Singh

Romance

3  

Nirandeykumar Singh

Romance

याद आने लगे है

याद आने लगे है

1 min
208


आज फिर वो मुझे याद आने लगे है

जिन्हें तो भुलाने में जमाने लगे है

रूठ के गए थे वो मुझसे बहुत दिन पहले

अब तो सपनों में आके मनाने लगे है

माना इश्क पैसे की चीज नहीं है

पर मेरे तो सारे खजाने लगे है

गया था मैं भी एक दिन उनके शहर में

मत पूछिए कितने दीवाने लगे है

क्या करोगे उनकी यादों को समेटकर ये बिनोद

अब तो गैरों के साथ भी वो मुस्कराने लगे है 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance