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Nirandeykumar Singh

Romance

3  

Nirandeykumar Singh

Romance

याद आने लगे है

याद आने लगे है

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आज फिर वो मुझे याद आने लगे है

जिन्हें तो भुलाने में जमाने लगे है

रूठ के गए थे वो मुझसे बहुत दिन पहले

अब तो सपनों में आके मनाने लगे है

माना इश्क पैसे की चीज नहीं है

पर मेरे तो सारे खजाने लगे है

गया था मैं भी एक दिन उनके शहर में

मत पूछिए कितने दीवाने लगे है

क्या करोगे उनकी यादों को समेटकर ये बिनोद

अब तो गैरों के साथ भी वो मुस्कराने लगे है 


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