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Kajal Singh

Romance

3  

Kajal Singh

Romance

वो!!

वो!!

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वो शिकायत तक नहीं करती, मेरे आने और जाने को लेकर,

कहती है बस तुम ख़ुश रहो, क्यों सोचते हो जमाने को लेकर,


कहती है कि मैं जरूरत हूँ तुम्हारी,

मैं जानती हूँ, जब कोई होगा न पास मैं रहूंगी, ये मानती हूँ,


तुम्हारे गिरने से उठने तक, साथ मेरा होगा,

तुम पकड़ना चाहो न चाहो, वो हाथ मेरा होगा,


वो कहती है कि खुशियों का तो पता नहीं,

पर जब तुम रोते हो तो मेरा ख़याल आता है न,

माना तुम तमाम जिस्मों से गुजरे हो, पर वो दर्द मेरी बाहों में ठहर जाता है न।।


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