वो टोपियां बेचता था साहब
वो टोपियां बेचता था साहब
एक दिन बाजार में दंगे भड़क गए जी
धार्मिक आस्था को ले झगड गए जी।
एक आदमी जो सिर्फ एक आदमी था
हिन्दू मुस्लिम में शायद एक कोई था।
अपनी दुकान पे टोपी बेचता था साहब
गोल लंबी सी, धर्म ना देखता था साहब।
तो उससे पूछा गया मजहब बता अपना
बोला सबकी टोपी बेचना काम अपना।
हिन्दू बोला लंबी टोपी मत बेचना अब
मुस्लिम वही लंबी टोपी तू फेंकना अब।
कसमाकस में वो मारा गया बीच बाजार
कसूर ये की वो टोपी बेचता था साहब।
