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Vivek Netan

Romance

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Vivek Netan

Romance

वो सौदागर था सपने बेचा करता था

वो सौदागर था सपने बेचा करता था

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दिल के बदले जान भी देनी पड़ेगी 

यह तो कभी मैंने सोचा ना था 

उम्र गुजर गई सारी भाव तोल में 

मगर फिर भी मेरा हिसाब कच्चा था 


दिल बहलाना भी इश्क़ होता है 

यह किसी से मैंने पूछा ना था 

कैसे पहुँचता मैं अंजामे इश्क़ तक 

धड़कने झूठी थी और दिल सच्चा था 


उसके बहाने भी लगे मजबुरियाँ मुझे 

खुदा कसम वो मासूम दिखता था 

मेरे रकीब भी यह छुपा गए मुझ से 

के वो सौ सौ चेहरे रखता था 


हर बार लिया इम्तिहान उसने मेरा 

नियत से बो बेगुनाह लगता था 

कई बार जिबह किया मुझे उसने 

उसके हाथों पर लाल रंग सजता था 


हो गया था दूर में इस दीन दुनिया से 

वो बात ही दूसरे जहाँ की करता था 

मुद्द्तो बाद यह पता चला मुझे भी 

वो सौदागर था सपने बेचा करता था 


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