वो रात
वो रात
बातों बातों में जो ढली होगी,
वो रात कितनी मनचली होगी।
तेरे सिरहाने याद भी मेरी,
रात भर शमा - सी जली होगी।
जिससे निकला है आफताब मेरा,
वो तेरा घर तेरी गली होगी।
दोस्तों को पता चला होगा,
दुश्मनों-सी ही खलबली होगी।
सबने तारीफ तेरी की होगी,
मैं चुप रहा तो ये कमी होगी।
तेरी आँखों में झाँकने के बाद,
लड़खड़ाऊँ तो ये मयकशी होगी।
है तेरा जिक्र तो यकीं है मुझे,
मेरे बारे में बात भी होगी।