वो मेरा हक़दार है
वो मेरा हक़दार है
रक़ीब है मेरा या मेरा यार है
दूर से कर रहा जो मेरा दीदार है।
कहूँ दीवाना उसे या पागल क़रार दूँ
छुप के बैठा है वो मेरा हक़दार है।
सामने आ जो जाए तो
कुछ भी कहना है मुश्किल।
यूँ मुझे उससे शिकायतें हज़ार हैं
छुप के बैठा है वो मेरा हक़दार है।
वो जो मिल जाता तो क्या ज़िंदगी होती
ये खुशी मेरी ख़ुदा को भी नागवार है।
छुप के बैठा है वो मेरा हक़दार है।