छुप के बैठा है वो मेरा हक़दार है। छुप के बैठा है वो मेरा हक़दार है।
असल बात है कि शेर पढ़ना है पेशा मेरा, जब तलक शमा जलेगी ग़ज़ल कहना होगा। असल बात है कि शेर पढ़ना है पेशा मेरा, जब तलक शमा जलेगी ग़ज़ल कहना होगा।
दिल का दरिया बहने को तैयार था, अंदर ही मौजों को रिझाये फिरते हैं, दिल का दरिया बहने को तैयार था, अंदर ही मौजों को रिझाये फिरते हैं,