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pawan punyanand

Tragedy

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pawan punyanand

Tragedy

वो माँ

वो माँ

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फोन लगातार बज रही थी,

मैं अनमने हो देखा,

कोई अनजान नम्बर,

फिर सोचा छोड़ो,

लेकिन,वो बजता रहा

मैं फोन उठाया,

उधर से आवाज आई,

बेटा ,कब आ रहे हो,

मैं घर पर ही था तभी,

सोच ही रहा था,कौन है,

तुरन्त किसी महिला ने

फोन ले उनसे,

कहा,भाई साहब

माफ़ कीजियेगा,

बूढी माँ है,

दिनभर ऐसे ही ,

फोन लगा देती है,

कोई भी हो,

उसे अपना बेटा समझ लेती है,

आने का पूछती है,

मैं बहू हूँ इनकी,

पति मेरे शहीद हुए,

भारत माँ के लिये,

इतना कहा,

और फोन काट दि उसने,

मैं सोचता रह गया हूँ,

उसके शहीद बेटे ,

की कमी को,

देश के लाखों बेटों,

ने पूरा किया क्या?

इंतज़ार उसका पूरा होगा क्या?

नहीं हम सब जानते हैं

हल इसका क्या है,

सोच में डूबा हूँ,

दुनिया ये क्या है।



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