वो किसी और का है
वो किसी और का है
मौसम रुख बदल रहा है
फिज़ा ये कुछ ढूंढ रही है
पता नही क्यूं बैचेनी सी है
मगर कुछ तो अलग हुआ है
आसान नहीं उसे समझना
लेकिन हम भी कम कहा
वक्त लगेगा सब समझने का
फिर भी हार माने वो हम कहाँ
अल्फाज़ हमारे थोड़े कम से हैं
लेकिन प्यार उसमे भरा हुआ है
शिद्दत हमारी अनकही सी है
लेकिन फिर भी रूह जुड़ी हुई है
हम उसे कहने को बेकरार हैं
मगर हम उसे पता नही सकते
कि वो हमारी जान से प्यारा है
क्योंकि वो किसी और का है!