"ब्रेक अप"
"ब्रेक अप"
मुझे ऐसा लगता है कि,
कुछ रिश्ते बस टूट जाते हैं, उनमें किसी की गलती नहीं होती।
बस वक्त के चलते हुए हालत ही कुछ ऐसे बन जाते हैं कि,
उस रिश्तों में सिर्फ और सिर्फ तकलीफ़, दर्द और घुटन ही महेसूस होती है
और फिर वो रिश्ता टूटने की कगार पर आ जाता है,
जिसे हम आसान से शब्दों में "ब्रेक अप"को कहते हैं
गर, क्या इस एक शब्द बोलने से जो ऐहसास की एक एक लहर से बना रिश्ता सच में खतम हो जाता है.....????
बिल्कुल भी नही,
क्योंकि जब दिल से जुड़ा हुआ रिश्ता होता है वो चाहे पेपर या दुनियां की नजरों में भले ही टूट गया हो
गर वो रिश्ता आखरी सांस लेने तक हमसे जुड़ा रहता है
उसकी हसीन और दर्द की यादों के साथ
कहा ना.....,,
मुझे ऐसा लगता है और कुछ नहीं....!!!!