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Yashwant Rathore

Abstract Romance

3  

Yashwant Rathore

Abstract Romance

वो खिले हुए चेहरे

वो खिले हुए चेहरे

1 min
201

वो चमकदार , वो खिले हुए चेहरे 

वो खुशमिजाज ,वह गुलाब से चेहरे


वो दिलों में इश्क , वो उम्मीदों से भरे चेहरे 

वो मौसम में घुले ,बहारों से घिरे चेहरे


वो अजनबी शहरों में भी अपनों को खोजते चेहरे

वो हर सुबह में,वो नए जीवन को ढूंढते चेहरे


वह जीवन से सरोबार , वह हिम्मती चेहरे

मासूम उम्र के रस में मदहोश, वो जवानी के चेहरे। 


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