वो है मेरा गांव
वो है मेरा गांव
वो पुराने ही मकान
सोते है सब जब आती है थकान
मेरा गाव छोटा ही है
पर बहुत प्यारा है
सभी जाती, धर्म के लोग एक ही थाली में खाते है
दीवाली, रमजान की खुशी एक दूसरे को बांटते है
वो तकलीफों में फिसलने नहीं देते किसी का पांव
वो ही है मेरा गांव
जहां बहती नदी - नाले है
हरे - भरी खेती है
जहां सुख, शांति और समृद्धि है
वो सब एक आत्म होकर जीते है
जहां भगवान - अल्ला की पाठ - पूजा होती है
वहां सभी एक दूसरे की सहायता करते है
सभी तरह के यादों से भरा है
वो है मेरा गांव
