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SANGRAM SALGAR

Abstract

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SANGRAM SALGAR

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मुसाफिर

मुसाफिर

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ना रुकता हूँ

ना थकता हूँ

बस चलता रहता हूँ

अच्छा देखने का प्रयास करता हूँ

अनुभव किताबों में लिखता हूँ

हर दिन अजनबी से मिलता हूँ

निसर्ग का आस्वाद लेता हूँ

पेड़, पौधे लगाता हूँ

जरूरतों की मदद करता हूँ

हां मैं मुसाफिर

सभी जगह जाता हूँ

ना रुकता हूँ

ना थकता हूँ

बस चलता रहता हूँ



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