वो चाहत हैं हमारी
वो चाहत हैं हमारी
वो चाहत का हमारी,
भला कैसा इम्तिहान
लेंगे अब।
वो चाहत हैं हमारी,
यह जानकर भी कभी
निगाह भर उन्होंने हमें
देखा नहीं जब ।।
वो चाहत का हमारी,
भला कैसा इम्तिहान
लेंगे अब।
वो चाहत हैं हमारी,
यह जानकर भी कभी
निगाह भर उन्होंने हमें
देखा नहीं जब ।।