वक्त नहीं
वक्त नहीं
हर खुशी है लोगों के पास
पर हंसने के लिऐ वक़्त नहीं
रात दिन डूबे इस दौड़ में
जीवन के लिए वक़्त नहीं
रिश्तेदार तो है बहुत सारे
उनके पास बैठने का वक़्त नहीं
यादें संजोयी कई दिल में
उनके करीब जाने का वक़्त नहीं
बहुत सी गजलें लिखी हुई
पर उन्हें सुनाने का वक्त नहीं
परायों से बातें बहुत की
अपनों से मिलने का वक्त नहीं
दिल में दबे अरमान कई
साकार करने का वक्त नहीं
गम पाए हैं वक्त बेवक्त
आंसू निकालने का वक्त नहीं।