वक्त का अपनापन
वक्त का अपनापन
वक्त ने ये सिखाया हैं, कौन अपना, पराया हैं,
केवल अपनापन, मेरे दिल ने चाहया हैं,
कोई अपना नहीं हैं यहाँ, इस समय ने बताया हैं,
सहयोग थोड़ा सा, मेरे दिल ने चाहया हैं,
सब यारी भी झूठी हैं, दोस्ती को बुलाया हैं,
कोई नहीं अपना, इस समय ने बताया हैं,
मदद सब भूले हैं, कोई काम ना आया हैं,
भूल गए वो दिन, जिस दिन हमने उनका साथ निभाया हैं,
पड़ोस भी अच्छा नहीं, हर सच को झूठ लाया हैं,
जब मुझे जरूरत थी, कोई काम ना मेरे आया हैं,
रिश्तेदार तो ऐसे हैं, बस मेरा ही खाया हैं,
कभी साथ देने को, कोई आगे ना आया हैं,
सब कुछ किया मैंने, उनको जीवन जीया या हैं,
जब मुझे जरूरत थी, कोई साथ ना मेरे आया हैं,
इस भरी हुई दुनिया में, मैंने अकेलापन पाया हैं,
सबको प्यार दिया मैंने, अपनों का साथ ही चाहया हैं,
हार नहीं मानूँगा मैं, भले आज वक्त ने मुझे हराया हैं
जीता रहूँगा फिर भी, उम्मीद से,
मेरे सपनों ने मुझे यही बताया हैं
रोक नहीं सकती परेशानियों मुझे,
मैंने अपना जीवन ऐसा बनाया हैं
आज मेरे पास भले कुछ नहीं,
पर मैंने भविष्य में सब कुछ पाया है।
