वजह
वजह
आओ दूंढ ले वजह
फिर से करीब आने की,
यूँ बिछड़कर ना तुम खुश हो ना हम
आवाज देकर तो देखो लौट आयेंगे,
रिश्ते ना टूटते है ना बनते हैं बेवजह
पुकार तो हम भी तुम्हें सकते हैं,
नाराज ना हो जाओ कहीं
इसीलिये खुद को रोके हुए हैं हम।
रफ्तार- ए जिन्दगी कुछ बीत रही है ऐसे
रेत पर लिखा नाम लहरें मिटा दे जैसे,
यूँ तो खुब रिश्ते बनाए हमने
पर कुछ अपना रिश्ता ऐसा बना,
वक़्त बेहिसाब सा चलता रहा
एक तेरे नाम के आगे थम गए हम।