Dr. Akansha Rupa chachra

Romance

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Dr. Akansha Rupa chachra

Romance

वजह

वजह

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कभी - कभी यूँ भी होता है, 

कि दिल कुछ उदास होता है, 

जाने क्या कुछ सोचकर, 

अकेले में, अनजाने ही, रोता है, 

क्योंकर ज़िंदगी का बोझ ढोना है, 

यही सोचकर परेशान होता है। 


बस ऐसे ही किसी पल में ,

जब ऐसे ही कुछ ख़याल हों दिल में ,

तब नज़रें फिराना आस - पास अपने, 

और सुन लेना ये शब्द क्या कहते हैं तुमसे। 


उन्हीं पलों में हो जाएगा विश्वास तुम्हें, 

कि तुम भी हो वजह किसी के जीने की,

कि खुशियाँ हैं किसी के जीवन में तुमसे, 

कि ये महफ़िल है आबाद तुम्हारे होने से ,

खिल उठते हैं कितने ही चेहरे तुम्हारे वजूद से। 


यह जान लेना उस पल में तुम,

कि तुम्हारे होने से चहकता है यह घर - आँगन,

कि तुम्हारी खुशबू से महकता है यह उपवन,

कि तुम्हारे नूर से है किसी की दुनिया रौशन 

कि तुम हो जहाँ, वहाँ जीता है जीवन। 


इस हार - जीत की जंग में, 

इस होने - ना होने की लड़ाई में, 

इस हँसने - रोने के द्वंद्व में, 

इस पाने - खोने के खेल में, 


यह देखना तुम

 कि जीत हो जीत की, 

होने की, हँसने की,

अस्तित्व की, ज़िंदगी की, 

क्योंकि जो तुम नहीं,

 तो कुछ भी नहीं... 


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