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Dr. Akansha Rupa chachra

Inspirational

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Dr. Akansha Rupa chachra

Inspirational

मरने के बाद

मरने के बाद

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मरने के बाद अमीर ग़रीब एक जैसा

अंतर जीवन में है लाश एक जैसा 

          हिलता डोलता बोलता नहीं शरीर सुस्त शांत 

           दफ़न करो चाहे जलाओ कफ़न एक जैसा 

दो गज़ ज़मीन दफ़न कफ़न की दरकार 

चिता जलाने गाड़ने का तरीका एक जैसा 

           मौत सबका एक कोई जाति धर्म नहीं 

            खून का रंग रूप स्वरूप एक जैसा 

स्वर्ग नर्क समान कल्पना का शिगूफ़ा मात्र 

ढोंग पाखंड में उलझा रखा एक जैसा 

            मरने के बाद जिस्म होता राख ख़ाक 

             ऊंच नीच भेद भाव नहीं एक जैसा 

सांसें हो जाती हवा मेंं हवा 'कागा' 

हवा का झोंका इंसान को एक जैसा 



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