Rajeev Namdeo Rana lidhori
Action Others
1
बनते जो मजदूर है,
वे कितने मजबूर ।
सबकुछ अपना छोड़ के,
घर से बेहद दूर ।।
2
मिले मजूरी जब उसे,
तब रोटी बन पाय।
जिस दिन गया न काम पर,
भूखा ही रह जाय।
बुंदेली दोहा-...
ग़ज़ल-रुला दे...
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हाइकु कविता
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तेरी ख़ूबसूरती के कितने दीवाने सच्ची में होगें। तेरी ख़ूबसूरती के कितने दीवाने सच्ची में होगें।
चलो तुम ना सही उस वक्त कैद किया लफ्ज़ मेरे पास हैं। चलो तुम ना सही उस वक्त कैद किया लफ्ज़ मेरे पास हैं।
मगर हरएक की जिंदगी कुछ कहानी कह रही होती है, फिल्म की तरह तभी तो जिन्दगी भी एक फ़िल् मगर हरएक की जिंदगी कुछ कहानी कह रही होती है, फिल्म की तरह तभी तो जिन्दगी...
यानी हमारे ख्वाब हकीकत बन गए , उन पन्नों पे प्यार की अमिट लकीर बन गए।। यानी हमारे ख्वाब हकीकत बन गए , उन पन्नों पे प्यार की अमिट लकीर बन गए।।
जो परिस्थितिवश ही सही अपनी माटी से रुखसत कर जाते हैं ! जो परिस्थितिवश ही सही अपनी माटी से रुखसत कर जाते हैं !
ऐनक खरीद सकते हैं पर अंधी अँखियों को प्रकाश नहीं खरीद सकते । ऐनक खरीद सकते हैं पर अंधी अँखियों को प्रकाश नहीं खरीद सकते ।
किताबें कुछ कहती हैं हमसे, कुछ पल उनके साथ बिताकर तो देखो। किताबें कुछ कहती हैं हमसे, कुछ पल उनके साथ बिताकर तो देखो।
आत्मरक्षा के गुर सीखें, यही तुम्हारी ढाल हैं, क्योंकि हो रहा मातृभूमि का रोज बुरा हाल आत्मरक्षा के गुर सीखें, यही तुम्हारी ढाल हैं, क्योंकि हो रहा मातृभूमि का रोज बुर...
मुझे भीड़ का हिस्सा नहीं कारण बनना है ।। मुझे भीड़ का हिस्सा नहीं कारण बनना है ।।
शिक्षा का साधन हैं पुस्तकें सही दिशा दिखायें सही पुस्तकें। शिक्षा का साधन हैं पुस्तकें सही दिशा दिखायें सही पुस्तकें।
बनके अल्फ़ाज़ अनकहे लेते हैं अँगड़ाइयाँ कविता पे। बनके अल्फ़ाज़ अनकहे लेते हैं अँगड़ाइयाँ कविता पे।
वैसा फल देगा भगवान यह बात मुझे समझ में आई। वैसा फल देगा भगवान यह बात मुझे समझ में आई।
कभी तितली या पंछी के रंगीन पंख भी सजे होते थे, कितनी यादें कितने सपने किताबों में दबे कभी तितली या पंछी के रंगीन पंख भी सजे होते थे, कितनी यादें कितने सपने किताबों ...
लेकिन परमात्मा हमसे कार्य करवाना वही। जो हो तुम्हारी नजरों में सही। लेकिन परमात्मा हमसे कार्य करवाना वही। जो हो तुम्हारी नजरों में सही।
गांव के लोगों को बहुत ही सुखद समय आ गाया, छोटू अब डाक्टर साहब हो गए थे। गांव के लोगों को बहुत ही सुखद समय आ गाया, छोटू अब डाक्टर साहब हो गए थे।
एक दूजे के बिना अस्तित्वहीन है एक की पहचान दूसरे से है। एक दूजे के बिना अस्तित्वहीन है एक की पहचान दूसरे से है।
प्यार से बढ़ कर जहाँ में कुछ नहीं है, इश्क़ हर दिल में सजाना चाहता हूँ। प्यार से बढ़ कर जहाँ में कुछ नहीं है, इश्क़ हर दिल में सजाना चाहता हूँ।
तारों की टिमटिमाहट सी रौशनी हो, जहां में मेरे सिर्फ़ ओ सिर्फ़ मेरे ही हो। तारों की टिमटिमाहट सी रौशनी हो, जहां में मेरे सिर्फ़ ओ सिर्फ़ मेरे ही हो।
एक आँचल की छाया, जो सींचते रहे, नव कोपले, नव समाज बनाने को।। एक आँचल की छाया, जो सींचते रहे, नव कोपले, नव समाज बनाने को।।
काले सायों से खौफज़दा नहीं, मुकाबला करना होगा डटकर, काले सायों से खौफज़दा नहीं, मुकाबला करना होगा डटकर,