STORYMIRROR

Devendraa Kumar mishra

Tragedy

4  

Devendraa Kumar mishra

Tragedy

विरासत

विरासत

1 min
368

विरासत में बच्चों को क्या दे जाओगे 

अश्लील वातावरण 

ताकि ये या तो बलात्कारी बनकर 

सलाखों के पीछे जिंदगी काटे 

या कमजोर काया को लेकर छिपते रहें 

ताक़तवर से अपनी रक्षा में असमर्थ 

क्या दिया विरासत में और क्या दे रहे हो 

भ्रष्टाचार, भाई भतीजा वाद, आतंकवाद, बेकारी, मक्कारी की जहरीली फसल 

जो भाई भाई का गला काटती है 

अलगाव वाद की वो तलवार 

जो धर्म के नाम पर लोगों को बांटती है 

तुम्हारे पास शेष है ही क्या, जो तुम दोगे 

सिवाय जलते हुए शहरों के 

धर्म, जाति, समाज के नाम पर जमीन के टुकड़े टुकड़े करके दोगे अपने बच्चों को 

झूठ नाम कर जाओगे अपने बच्चों के 

कारखानों से निकली दूषित वायु, दूषित जल 

वृक्ष हीन भूमि 

ताकि साँस लेने के लिए उन्हें मास्क पहनना पड़े एक ऐसा हिन्दुस्तान दे जाओगे 

जिसकी रीढ़ टूटी हो, ढांचा चरमराया हो 

शासक भ्रष्ट और भविष्य अंधकारमय हो 

एक ऐसा भारत दे जाओगे 

जो धर्म के नाम पर विभाजन की कगार पर हो 

क्या लिख जाओगे इनके नाम 

ये कि कैसे लुटा जाता है 

पिटा जाता है, खामोशी से सब कुछ कैसे 

सहा जाता है 

क्या ये फिर तुम्हें माफ़ कर सकेंगे 

कभी नहीं, यकीनन नहीं 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy