वीर गति
वीर गति
तुम वीर गति को प्राप्त हुए
तुम वीर गति को प्राप्त हुए
मुझे विरह के तप में झोंक
जीवन रथ डगर पर छोड़
सारी यादें पीछे छोड़
सरहद के उस पार से
होकर तुम आज़ाद चले
तुम वीर गति को प्राप्त हुए
तुम वीर गति को प्राप्त हुए।
तुम्हारा भूत और मेरा भविष्य
जन्मभूमि की मान में शीश
तुम मेरे गले से मंगलसूत्र हटा
अपनी वीरता का मेडल पहना गए
तुम वीर गति को प्राप्त हुए
तुम वीर गति को प्राप्त हुए।
मैं घर की सीमा लाँघ न सकी
तुम सरहद की सीमा लाँघ गए
रंगों से मुझे मुक्त कर
तुम तिरंगा ओढ़ चले
तुम वीर गति को प्राप्त हुए
तुम वीर गति को प्राप्त हुए
मेरे कंधों पर अधि भार रख
तुम अपना पलड़ा भारी कर गए
कश्ती को मंझधार में छोड़,
अपने बलिदान को अमर कर गए।
तुम वीर गति को प्राप्त हुए
तुम वीर गति को प्राप्त हुए
