विचार विमर्श
विचार विमर्श
अच्छे विचार आचार के
प्रेम का प्रचार करते है
बुरे विचार प्रचार के
द्वेष का व्यापार करते है।
अच्छे यार अभाव में
सहायक बनते है
बुरे यार प्रभाव में
रूकावट बनते है।
अच्छी सोच अच्छा परिणाम देती है
बुरी सोच बुरे परिणाम देती है
कुछ ना कुछ सोचते रहना स्वभाव में है तो
अच्छा सोचने में हमारा कुछ नहीं जाता है।
क्या अच्छा है क्या बुरा
कौन कितना समझे भला
जो स्वयं के लिये अच्छा नहीं है तो
दूसरों के लिये क्या खाक हो अच्छा।
अच्छाई बस सामने होनी चाहिये यहीं ना
अपने दर्पण पर चाहे धूल जमी हुई हो
पर हद तब हो जाती हैं न जाने क्यों
जब कोई दर्पण की धूल को मिटाना ही ना चाहे।
ये दर्पण अंधेरों में कुछ दिखा नहीं सकते है
फिर भी अंधेरे में बिखरे तो घाव कर जाते हैं
तब कौन कैसे समेट कर इन्हें दूर कर पाये
जब घाव करने के लिये ही इनको बिखरे है।
