जीवन की नदी
जीवन की नदी
जीवन की नदी, जो बहती है अविरल,
कर अपना मार्ग प्रशस्त, चलती है अनवरत,
बहती है बिना डिगे, बिना थके लक्ष्य की ओर,
दौड़ती है हर राहों पर, अपने सपने की ओर।।
जिंदगी की नदी जो बहती है अविरल,
स्वार्थ भी अभिमान भी, लिए एक सुर और तान,
कलरव करती, बहती रहती, नहीं है कोई गुमान,
कर जाती जीवन तृप्त, देती सबको शीतल जल,
जिंदगी की नदी जो बहती है अविरल।
जिंदगी की नदी जो बहती है अविरल,
नहीं देखती अपना दुःख, बस करती सबके जीवन सरल,
चलती लेकर सबको अपने संग, करती हर जीवन उज्ज्वल,
यही सूत्र है उसका अपना, देती सबको एक ही पयाम,
जिंदगी की नदी जो बहती है अविरल।
जिंदगी की नदी जो बहती है अविरल,
न कोई दुश्मन न कोई दोस्त, सबको देती एक सन्देश,
नहीं किसी से बैर है उसका, बस देती यही संकेत,
काश! होती जीवन की नदी भी इतनी सरल,
न होते अभिमान, न कोई स्वार्थ, न ही कोई दुश्मन,
न होते ये फासले ये, चलते सब दिशा में एक,
जिंदगी की नदी जो बहती है अविरल।।
