मां जगदम्बा (भजन)
मां जगदम्बा (भजन)
तू ही मां जगदम्बा, तू ही मां काली है
तू ही मां वैष्णों देवी, तू ही शेरोंवाली....(२)
देकर मुझे आशीष
मुझको संवारती मां
खुशियों की सौगात देकर
मुझको निखारती मां।
तू ही मां जगदम्बा, तू ही मां काली है
तू ही मां वैष्णों देवी, तू ही शेरोंवाली....(२)
जीवन की बाधाओं से
जब भी मुझे डर लगता
संग हूं सदा तेरे.......
मुझको अहसास कराती मां।
तू ही मां जगदम्बा, तू ही मां काली है
तू ही मां वैष्णों देवी, तू ही शेरोंवाली....(२)
साजिशों के साए का
मुझ पे भंवर मंडराता
अपनी कृपा से सदा
मुझको बचाती मां।
तू ही मां जगदम्बा, तू ही मां काली है
तू ही मां वैष्णों देवी, तू ही शेरोंवाली....(२)
संघर्षों के घेरों में.......
मन जब निराश हो जाता
अपनी शक्ति से सदा
मुझको बचाती मां।
तू ही मां जगदम्बा, तू ही मां काली है
तू ही मां वैष्णों देवी, तू ही शेरोंवाली....(२)
मंज़िल तक पहुंचने का
कोई नहीं मिला रास्ता
बांह पकड़ कर मेरी
मुझको रास्ता दिखाती मां।
तू ही मां जगदम्बा, तू ही मां काली है
तू ही मां वैष्णों देवी, तू ही शेरोंवाली....(२)