वही लक्ष्य को पावत है
वही लक्ष्य को पावत है
उठ मेरे प्यारे चल जल्दी, अब समय कहां जो बैठे हो।
जो काम समय पर शुरु करै वही लक्ष्य को पावत है
आलस करके जो है बैठा वह मंजिल कभी ना पावत है
उठ मेरे प्यारे चल जल्दी, अब समय कहां जो बैठे हो।
जो काम करै और ध्यान धरे जीवन में खूब संघर्ष करै
श्रम से सींचे अपना सपना साकार वही कर पावत है
उठ मेरे प्यारे चल जल्दी अब समय कहां जो बैठे हो
रह भाग्य भरोसे जो बैठा दूसरों पर नित ही दोष मढ़े
असफल होवे निज करनी से परिस्थितियों को क्यों कोसत है।
उठ मेरे प्यारे चल जल्दी अब समय कहां जो बैठे हो
दृढ़ निश्चय करके तू मन में निज आत्मविश्वास बढ़ाओ तुम।
प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपने पर भरोसा लाओ तुम।
निरंतर प्रयास करै जो जीवन में, वही सफल हो पावत है।
उठ मेरे प्यारे चल जल्दी अब समय कहां जो बैठे हो।
अपने अंदर तू झांक जरा, खुद की कमियों को ताक जरा।
अपनी कमियां जो सुधार करै अपने मैं खुद बदलाव करै ।
सच है कि सफलता के पथ पर वह ही आगे बढ़ि पावत है
उठे मेरे प्यारे चल जल्दी अब समय कहां जो बैठे हो।
दूसरों के बहकावे में आकर, अपनों से जो है बैर करै।
अपनों की बुराई में ही सदा अपना तू समय बरबाद किए।
अब जग में होत हंसी तोहरी, अपना मुंह क्यों तू छुपावत है।
उठ मेरे प्यारे चल जल्दी अब समय कहां जो बैठे हो।
अपनों से नित जो दूर रहै, है किसी की करता फिकर नहीं।
सुख दुख में शामिल न होवे, तू अपना अस्तित्व गवांवत है।
जब विपत्ति पड़ी अपने सिर पर फिर शीश पकड़ि क्यों रोवत है।
उठ मेरे प्यारे चल जल्दी अब समय कहां जो बैठे हो।