फोकट की इच्छा
फोकट की इच्छा
काम कुछ किए बिना चाह रखने वालों,
एक बार अपने गिरेबान में तो झांकिये।
काले धन की चाह में न दूसरों को कोसिए,
परिश्रम पर अपने विश्वास कुछ तो कीजिए।
हराम की कमाई खातिर इतना लालायित हो,
पूरा दिमाग पंद्रह लाख पर लगाए हो।
तेरा बस चले तो सरकार भी गिराए हो।
तेरा बस चले तो सरकार भी गिराए हो।।
जिंदगी में काम फूटी कौड़ी के किए नहीं,
मालामाल बनने की लालसा जगाए हो।
कहते हो देश का विकास हम हैं करने वाले,
फोकट के माल पर निगाह खुद लगाए हो।
तेरे जैसे लाल पर तो भारत मां को भ्रम है,
यही सोचकर मां की आंखें हुई नम हैं ।।
यही सोचकर मां की आंखें हुई नम हैं।।
खुद की मेहनत और लगन पर विश्वास कर,
परिश्रम का तूफान अपने दिल में तू लाए होते।
शिकवा शिकायत शायद आज तक तू भूल जाते,
पंद्रह के बजाय बीस लाख तू कमाए होते।
पंद्रह के बजाय बीस लाख तू कमाए होते।।
उठो अभी जागो भागो कर्म की राह पर,
पीछे मत देखो आगे कदम बढ़ाओ तुम,
परिश्रम के बल पर लक्ष्य प्राप्ति का इरादा रखो,
हौसला बुलंद करो आलस का तू त्याग करो।
देश हित में राष्ट्र हित में सोच अपनी कायम करो,
स्वार्थ के कारण नैतिकता का न हनन करो।
खुद के उत्थान में ही देश का उत्थान है,
ऐसा ही मनन करो अपना विकास करो।
ऐसा ही मनन करो अपना विकास करो।।
।।जय हिंद ।।
