अब जग में होत हंसी तोहरी, अपना मुंह क्यों तू छुपावत है। अब जग में होत हंसी तोहरी, अपना मुंह क्यों तू छुपावत है।
पंख होते तो उडी जाती नन्दी बाबा के व्दारे घुमड घुमड मोरा जीयरा रोए बहे दूध की धारा पंख होते तो उडी जाती नन्दी बाबा के व्दारे घुमड घुमड मोरा जीयरा रोए बहे दूध की...