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S N Sharma

Abstract Inspirational

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S N Sharma

Abstract Inspirational

दिल प्यार में मरते रहे।

दिल प्यार में मरते रहे।

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रहे साथ दिल और दिमाग पर राहें अलग चलते रहे ।

दुनियादारी सीखी दिमाग ने, दिल प्यार में मरते रहे।

दिमाग पढ़ता था क्लास में, ये दिल रहा अनपढ़ मेरा।

दिल नेह में बिकता रहा ,हिसाब दिमाग के चलते रहे।

दिल बिक गया दो बोल में ,दूजा धन कमाता रह गया।

दिल के कुएँ लवरेज थे और दिमाग उलझन में रहे।

तुम लौट के ना आओगे, यह दिमाग कहता ही रहा।

दिल कहता था तुम आओगे, हम ले दिया जागते रहे।

वो दिमाग से सफल हुए, दिल उनका प्यासा ही रहा।

वो जो दिल के बादशाह थे वह जामे खुशी पीते रहे ।



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