वह एक खूंखार भेड़िये की तरह
वह एक खूंखार भेड़िये की तरह
मरने के
बाद नहीं
इस घर में
एक छत के नीचे
एक साथ रहते हुए भी
सब एक दूसरे से
जुदा हैं
एक दूसरे से खफा हैं
किसी के
सामने पड़ो
चाहे एक लम्बे अंतराल के बाद पर
आमना सामना
होते ही
वह एक खूंखार भेड़िये की
तरह
टूट पड़ते हैं
लड़ते हैं
झगड़ते हैं
मारपीट
खून खराबा करते हैं
घर में है
यह अशोभनीय आचरण
बाहर वालों से तो
जब बोलते हैं तो
मुख से
फूलों की बहारों से लदे
सारे फूल ही
झड़ते हैं।
