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Shristy Jain

Classics

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Shristy Jain

Classics

वह दिन !

वह दिन !

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दिल की तमन्नाए जब पूरी होती है,

जज्बात दिल के जब शब्दों में तब्दील होते हैं।


मिलता है सुकून, मिटती है सारी रंजिशें

बन जाती हूं मैं एक आजाद परिंदा।


करता है मन आसमान को छूने का,

सितारों की तरह चमकने का।


आएगा वह दिन भी जब रहेगा

रूतबा सिर्फ मेरे ही नाम का।


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