हिंदी शायरी
हिंदी शायरी
1 min
183
अकेले आए थे और अकेले ही जाएंगे,
ये जिंदगी हम हंस के बिताएंगे
जिएंगे हर लमहे को उम्मीद से,
खुद के वजूद को साबित करके दिखाएगें।
आज हिम्मत कर ही लो,
अपनी बातों से उनको अपना कर ही लो
क्या पता फिर मौका मिले या ना मिले,
आज किस्मत की लकीरों को तुम एक कर ही लो।
चल पड़ा ये मुसाफिर अपनी मंजिल की ओर,
होकर बेपरवाह नई डगर की ओर,
आएगी लाखों मुश्किलें रोकने उसको
पर वो भी है बेफिक्र भरेगा उड़ान एक दिन
उस गगन की ओर।
