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Shristy Jain

Romance

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Shristy Jain

Romance

जुदाई-ए- इम्तिहांं

जुदाई-ए- इम्तिहांं

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मिलकर जो न मिले, उस जुदाई का

नशा कुछ ओर होगा!

जुदा होकर मिले जो नसीब से, उस इंतेहा का

अंजाम कुछ ओर होगा।

इस जुदाई-ए- इम्तिहान को जो कर गया पार,

उस गालिब का अंदाज कुछ ओर होगा।।



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