आंखे
आंखे
आंखें शोर मचती है,
तेज़ भागकर सब कुछ बताती है,
मासूमियत, या काले मन की कहानी
आंखें सिर्फ सच्चाई दिखती है,
पढ़ ले कोई दिल की ज़बान,
बाँट ले हसते हुए चहेरे का गम,
आंखें चुप रहकर भी असर दिखती है,
कुछ बात ज़रूर है इसमें,
कभी-कभी आंखें भी आंसू छुपाती है।