Fahima Farooqui
Romance Inspirational
न बिछड़ेंगे कभी हमने ये वादा कर लिया।
साथ जीने मरने का हमने वादा कर लिया।
प्यार में पैमाने की गुंजाइश नहीं होती कभी,
उसने कम तो हमने थोड़ा ज़्यादा कर लिया।
नज़र तुम्हारी
मेरे एहसास
एक कमी
आहिस्ता आहिस्...
दिल
मुद्दे और भी ...
वक़्त
सपने
उत्सव की रात
मायाजाल
सुरभित समीर के छूने से, गहन - अंध मिट जाते हैं. सुरभित समीर के छूने से, गहन - अंध मिट जाते हैं.
गलती तुम कर लेना ये , गलती ये कर लेना तुम। गलती तुम कर लेना ये , गलती ये कर लेना तुम।
टिमटिमाते तारों की रोशनी में अक्सर तुम नज़र आ जाते हो टिमटिमाते तारों की रोशनी में अक्सर तुम नज़र आ जाते हो
तुम्हारे बिना मैं कुछ सोच भी नहीं पाता और मेरी समझ भी शून्य हो गयी है तुम्हारे बिना मैं कुछ सोच भी नहीं पाता और मेरी समझ भी शून्य हो गयी है
युग का जब -जब भी आविरभाव होगा। राम तुम्हे तब-तब ही वनवास होगा। युग का जब -जब भी आविरभाव होगा। राम तुम्हे तब-तब ही वनवास होगा।
तेरे पायल की झंकार से, गूँज उठा मेरी यादों का प्रांगण। तेरे पायल की झंकार से, गूँज उठा मेरी यादों का प्रांगण।
ताक़त हूँ मैं उसकी , मेरा दीद उसकी आँखों में रहता है। ताक़त हूँ मैं उसकी , मेरा दीद उसकी आँखों में रहता है।
उठाती हूं जब जब-जब कलम तुम्हें करीब पाती हूं। उठाती हूं जब जब-जब कलम तुम्हें करीब पाती हूं।
कुछ न कहो...कुछ न सुनो.. बस महसूस करो उसका दर्द ! कुछ न कहो...कुछ न सुनो.. बस महसूस करो उसका दर्द !
बैठा हूंँ बनकर दरबान तेरे दर पे आंँखों में तेरा ही इंतजार समाया है। बैठा हूंँ बनकर दरबान तेरे दर पे आंँखों में तेरा ही इंतजार समाया है।
चलो आज लिख के बयां करता हूँ सब ,,क्योंकि बोल तो आज भी न पाऊंगा। चलो आज लिख के बयां करता हूँ सब ,,क्योंकि बोल तो आज भी न पाऊंगा।
जब वादा कर के जाऊं कि कुछ बदलेगा नहीं जब तुमको समझ में आये कि वो लौटेगा नहीं। जब वादा कर के जाऊं कि कुछ बदलेगा नहीं जब तुमको समझ में आये कि वो लौटेगा नहीं।
प्रिय लिखूँ प्रियतमा लिखूँ, बस मेरी लिखूँ या प्यारी भी संग, प्रिय लिखूँ प्रियतमा लिखूँ, बस मेरी लिखूँ या प्यारी भी संग,
एक हसीन ख़्वाब कल मैंने देखा था चांद-सा वो मुखड़ा मेरे करीब था. एक हसीन ख़्वाब कल मैंने देखा था चांद-सा वो मुखड़ा मेरे करीब था.
वो इक नग़्मगी लहज़े से मेरे ख़्वाबों को मुकम्मल कर गया और बनके चराग–ए–शाम मोहब्बत में फ वो इक नग़्मगी लहज़े से मेरे ख़्वाबों को मुकम्मल कर गया और बनके चराग–ए–शाम मोहब...
रात ख्वाबों में अक्सर कुछ धुंधली-सी यादों का बसेरा हो जाता है। रात ख्वाबों में अक्सर कुछ धुंधली-सी यादों का बसेरा हो जाता है।
भावनाओं की जगह, तर्क हावी होने लगता है और जान का रुतबा भी बदलने लगता है। भावनाओं की जगह, तर्क हावी होने लगता है और जान का रुतबा भी बदलने लगता है।
तुम किसी और की तो हो, पर बहुत ज़रा सी मेरी भी हो। तुम किसी और की तो हो, पर बहुत ज़रा सी मेरी भी हो।
मुझे बस इतना पता है तेरी जिंदगी का अहम हिस्सा हूं मैं,, मुझे बस इतना पता है तेरी जिंदगी का अहम हिस्सा हूं मैं,,
यूँ रूठा ना करो तुम हमसे, मेरे दिल की धड़कन बढ़ जाती है। यूँ रूठा ना करो तुम हमसे, मेरे दिल की धड़कन बढ़ जाती है।