वक़्त
वक़्त
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सब कुछ पहले जैसा ही है।
तुम जैसा छोड़े थे वैसा ही है।
न सोच के बिछड़ के ख़ुश हूँ,
हाल मेरा भी तेरे जैसा ही है।
कभी थे क़ीमती रिश्ते नाते भी,
अब तो सब कुछ पैसा ही है।
रख सदा अपनी सोच बुलंदी पे,
के जैसी सोचो होता वैसा ही है।
गुज़रना फ़ितरत है गुज़रेगा ही,
थमेगा न चाहे वक़्त कैसा ही है।
कभी हँसाता है कभी रुलाता है,
सनम भी मेरा वक़्त जैसा ही है।