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Pawanesh Thakurathi

Romance Tragedy

3  

Pawanesh Thakurathi

Romance Tragedy

उसके जाने से

उसके जाने से

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बारिश की लाखों बूदें

उतना नहीं भिगा पाई मुझे

जितना उसके नयनों से गिरती

दो बूंदों ने भिगाया मुझे।


दुखों की मार

उतना नहीं रूलाती मुझे

जितना उसकी यादों ने

रुलाया मुझे।


वो चली गई मुझे छोड़कर

उसी तरह

जिस तरह चला जाता है कोई

अपना पुस्तैनी मकान छोड़कर।


बादल आते हैं, अब भी

हवाएँ चलती हैं, अब भी

बारिश होती है, अब भी

फूल खिलते हैं, अब भी।


बादलों का आना

हवाओं का चलना

बारिश का होना

फूलों का खिलना 

कुछ भी मुझे

अच्छा नहीं लगता।


अच्छा लगता है मुझे धुआँ

अच्छी लगती है राख

अच्छी लगती है मुझे मिट्टी।


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