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Dr. Akshita Aggarwal

Romance Fantasy Others

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Dr. Akshita Aggarwal

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उनकी निगाहें

उनकी निगाहें

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उनकी निगाहें


ना जाने बिन बोले ही,

कितनी बातें कह जाती हैं उनकी निगाहें।


ना जाने कैसे एक ही पल में,

दिल को सौ मर्तबा छू जाती हैं उनकी निगाहें।


ना जाने कैसा जादू-सा कर जाती हैं उनकी निगाहें।

कि एक पल में ही होश उड़ा जाती है उनकी निगाहें।


जानता है मेरा मन कहीं ना कहीं कि,

हर पल मुझे ही तलाशती हैं उनकी निगाहें।


शर्म से मेरी निगाहें,

झुका जाती हैं उनकी निगाहें।


खुद-ब-खुद मुस्कुराने की,

वजह दे जाती हैं उनकी निगाहें।


मेरी रातों की नींद,

चुरा ले जाती हैं उनकी निगाहें।


जुबान भले ही खामोश रहे उनकी पर,

उनके दिल का हाल बयां कर जाती हैं उनकी निगाहें।


कमाल कर देती हैं जब मिलती हैं,

मेरी निगाहों से उनकी निगाहें।


कमाल कर देती हैं जब मिलती हैं,

मेरी निगाहों से उनकी निगाहें।



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