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Rajiv Jiya Kumar

Romance Classics Fantasy

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Rajiv Jiya Kumar

Romance Classics Fantasy

उनका मुङकर देखना

उनका मुङकर देखना

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यह मचलती मदहोशी

चंचल सी यह अदा

हर हलचल कयामत 

करती है जानम 

आप पर फिदा,

अनछुए नजरों के

लबालब भरे जाम

 

नजाकत भरे जातीं हैैं,

कयामत बनी जातीं हैं

सनम आप संग

तो हर इक शाम।


कसम कहने को आपसे

रखे क्या हम याद

भूल पाता नही अब तो

आपका मुङकर मुझे देखना

आप से पहली

मुलाकात के बाद, 

भूल पाता नहीं 


शनै शनै मानिंद नश्तर के

जिगर में होना पेवश्त,

फिर नज्म जीने की बन

कर देना यूँ मस्त,

अब जुस्तजू यही मेरी


संगी आप तो जी भर जीना

भूल पाता नहीं अब तो

आपका मुड़कर मुझे देखना।


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