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Sonnu Lamba

Drama

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Sonnu Lamba

Drama

उम्र ही तो है...

उम्र ही तो है...

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जिंदगी के थपेडे बहुत निर्मोही होंते है

लील जाते हैं बेपरवाह हंसी

इंच इंच कम होती है मुस्काने

सांसे फिर भी संभाले रखती हैं भार

जिंदा दिखने का


अब कौन जाने

जीने का मतलब सांसो का चलना नहीं

देह समूची दिखती है सामने से

मन भीतर ही भीतर किरचो में पड़ा रहता है


ये भाप लेंना भी हर किसी को नहीं आता

धरती पर जन्म लेना ही किसी भी अपेक्षा से परे है

भूल क्यूं नहीं जाते उन्हे , जो चीजें सूकून देती हैं

समय ही तो है उम्र ....कट ही जानी है एक दिन।

©®sonnu lamba


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