फरियादें
फरियादें
कैसे सुनी जाती हैं फरियादें तेरे दरबार में
घंटियों की आवाजें सुनायी तो देती होंगी तुझे
मेरे मन के कोने में जो सुप्त पड़ी फरियादें हैं
काश, वो मेरी उंगलियों के पोरो में उतर आये
जब भी बजाऊं मैं घंटियां , प्रभु तेरे दरबार में..।।
कैसे सुनी जाती हैं फरियादें तेरे दरबार में
घंटियों की आवाजें सुनायी तो देती होंगी तुझे
मेरे मन के कोने में जो सुप्त पड़ी फरियादें हैं
काश, वो मेरी उंगलियों के पोरो में उतर आये
जब भी बजाऊं मैं घंटियां , प्रभु तेरे दरबार में..।।