देवदूत
देवदूत
1 min
347
वे देवदूत जैसे लग रहे हैं. .
ऊपर से नीचे तक ढके
मोटे मोटे पीपीई सूट पहने ..!
कितना सफोकेशन हो रहा होगा..
भीतर ही भीतर उनको...
मन करता होगा...
निकाल फेंकें , सब तामझाम..
और खुलकर लें एक लम्बी गहरी सांस.. !
लेकिन सामने बेड पर..
किसी मरीज़ की उखडती सांस को
संभालना ज्यादा जरूरी होता है..तब !
इसलिए उनकी सांसो का आक्सीजन..
बन गयी हैं...उन मरीजो की मुस्कानें
जो अस्पताल से ठीक होकर जा रहे हैं ..!
हाँ ... ये कठिन वक्त है... एक ऐसा वक्त
जब उनको बिना हाथ थामे ही..
हाथो से छूटते हाथो को संभालना है... .!!