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अमित प्रेमशंकर

Romance

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अमित प्रेमशंकर

Romance

उम्र भर तुझको ऐसे ही चाहेंगे

उम्र भर तुझको ऐसे ही चाहेंगे

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प्यार तुझसे ही था, प्यार तुझसे ही है

मेरे सांसों की तार, यार तुझसे ही है

माँग सिंदूर से तेरे,सजायें जो हम

उम्र भर तुझको ऐसे ही चाहेंगे हम............!!


दुःख की आंधी चले, सुख की धारा बहे

चाहे सारा जमाना, ये कुछ भी कहे

हाथ थामा तेरा, तो निभाएंगे हम

उम्र भर तुझको ऐसे ही चाहेंगे हम............!!


साथ चलना मेरे,बस थोड़ी दूर तक

लोग छोड़े मुझे,जब न श्मशान तक

सात फेरों के वादे, निभाएंगे हम

उम्र भर तुझको ऐसे ही चाहेंगे हम.............!!


ना महल है मेरा,ना है दौलत कोई

मिल गईं तु मुझे,बस थी चाहत यही

छोटी कुटिया में जीवन, गुजारेंगे हम

उम्र भर तुझको ऐसे ही चाहेंगे हम............!!


ऐसे रूठना नहीं,कि मना न सकूं

माँगना बस वही, जो मैं ला सकूं

दूर तुझसे कभी भी, न जाएंगे हम

उम्र भर तुझको ऐसे ही चाहेंगे हम............!!


घर की फुलवारी को, सदा रखना हरा

वहीं फूलों से आंगन,सजाना मेरा

संग खुशियों में जीवन,बिताएंगे हम

उम्र भर तुझको ऐसे ही चाहेंगे हम............!!

               



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