उड़ान है।
उड़ान है।
मुश्किल मेरा निशाना
और छोटी मेरी कमान है
जो कठिनाइयों को जीत ले
वहीं असल इंसान है
मकान तुम्हारे ऊंचे पर
छोटे तुम्हारे अरमान है
हौसलों के पंख मुझ पर
और बौनी मेरी उड़ान है
मेरी औकात की बात करता है
तुम मूढ़ निरा नादान है
बात तेरी घमंड बोले
यहां बोलता मेरा अभिमान है
ना पहुॅंच सके तेरे हाथ मुझ तक
ऊंची मेरी गिरेबान है
हौसलों के पंख मुझ पर
और बौनी मेरी उड़ान है।
तू कैद कर ले पंछी को
पहुॅंच से बाहर पूरा आसमान है
ढूंढना चाहे दुनिया का रहस्य
पर तू खुद से ही अनजान है
बड़ी तेरी धोखेबाजी पर
सही मेंरा ईमान है
हौसलों के पंख मुझ पर
और बौनी मेरी उड़ान है।
